प्रथम भारतीय महिला शिक्षिका की मनाई गई जयंती

खिजरसराय :–प्रखंड के खिजरसराय धुरामोड पर भारत की प्रथम महिला शिक्षिका की जयंती बड़े धूमधाम से मनाया गया। जिसमें उनके चित्र पर वर्तमान मखदुमपुर विधायक सतीश दास अतरी पूर्व विधायक कृष्णनंदन यादव द्वारा माल्यार्पण किया गया। मौके पर उपस्थित अतरी विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक कृष्णनंदन यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सावित्री वे फुले महिला समाज सुधारक दार्शनिक कवयित्री भी थी। सावित्री बाई फुले की कविता महिला शिक्षा प्राकृतिक शिक्षा जाति प्रथा पर केंद्रित थी। जाति प्रथा जब अपने चरम सीमा पर थी। तब अंतरजातीय विवाह की बकालत कर रही थी, ये बहुत ही साहसी कर्तव्यनिष्ट लगनशील ईमानदार मिलनसार स्वभाव की थी। इन्होंने ये भी कहा कि आज सावित्री वे फुले ज्योति राव फुले बाबा साहब अंबेडकर के संविधान आदर्शों पर चल कर तरक्की के तरक्की के चरम सीमा पर पहुंचा जा सकता है। वर्तमान विधायक सतीश दस ने कहा कि सावित्री वे फुले जो नब्बे प्रतिशत लोगों को जगाने का जो कार्य शरू किया, वह अब पूरा होता दिख रहा है महिलाओं के लिए खोले गए विद्द्यालय उस समय उनकी बड़ी सोंच थी। शिक्षा जगत में सावित्री बाई फुले इनके पति ज्योति राव फुले तथा भारत की पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जो इनके सहेली थीं। इन्हें भुलाया नही जा सकता है। आधी आबादी जो आज शिक्षित हो रही है। इनकी दूरदर्शी सोंच का नतीजा है महिलाएं आज पुरुषों से कंधे से कंधे मिलाकर अग्रणी होकर कार्य कर रही है। इन्होंने लोगों से आह्वान किया है, कि अपने बच्चों को शिक्ज़ह देने में कोताही न वर्तें आज की सरकार लोगों को रोजगार दे रही है। केंद्र सरकार झूठे वादे कर रही है , इनका जन्म महाराष्ट्रा के सतारा जिले में नया गांव नामक छोटे से गांव में हुआ था नौ साल की उम्र में इनकी शादी तेरह साल के युवक ज्योतिराव फुले से हुई थी ।इनका जन्म तीन जनवरी अट्ठारह सौ इक्कतीस ईस्वी में हुई थी ।मौके मो.इरशाद आलम जदयू नेता अजय कुमार केदार साहू चंद्रमणि प्रसाद कपिल यादव शिव कुमार यादव सहित आदि दर्जनों की संख्या में गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।