बहनों ने भाई की कलाई पर बांधी राखी, सुरक्षा का लिया वचन

गुरुवार को सावन पूर्णिमा के अवसर पर बहन ने भाई की कलाई पर राखी बांध कर हर्षोउल्लास के साथ रक्षाबंधन मनाया गया। रक्षा बंधन को लेकर बाजार में काफी चहल पहल बना रहा। महिला एवं पुरुष शुभ नक्षत्र में रक्षाबंधन मनाने को लेकर व्यस्त दिखे। राखी एवं मिठाई की दुकान पर भीड़ रहा।सुबह से ही इन्हीं भावनाओं के साथ तैयारी कर रहे बहनों ने भाइयों की हाथों में राखियां बांधने में मशगूल दिखी। छोटे-छोटे भाई-बहनों में पर्व को लेकर खासा उत्साह देखा गया। नए-नए कपड़ों में बच्चे और रंग-बिरंगे परिधानों में महिलाओं और युवतियों ने थाल सजाकर भाइयों के घर जाकर रक्षा सूत्र बांधी। कई बहनों ने अपने परिवार से दूर रहकर हमारी रक्षा कर रहे वीर सैनिकों की कलाइयों पर रक्षा सूत्र बांधकर प्रेम और अपनत्व दर्शाया। बहनों ने अपने बंदी भाइयों की कलाई पर स्वाती, सुप्रिया, स्नेहा, वर्षा, वैष्णवी, प्रिया,सुबी कुमारी ने सजाई और मिठाई खिलाकर सिर्फ आई की कामना की। हालांकि रक्षाबंधन और श्रावणी पर्व मनाए जाने को लेकर कई दिनों से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।कुछ लोगों ने बुधवार को श्रावणी पर्व मनाया तो कुछ लोगों ने गुरुवार को मनाया। सुबह शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन का पर्व मनाना शुरू हो गया। भारत में रक्षाबंधन को लेकर पौराणिक और ऐतिहासिक परंपरा रही है। कहा जाता है कि असुर देवता संग्राम में इंद्र को उनकी पत्नी इंद्राणी ने अभिमंत्रित रेशम का धागा बांधा था, जिसकी शक्ति से वे विजयी हुए। भगवान श्री कृष्ण को द्रौपदी द्वारा उनके घायल उंगली में साड़ी की पट्टी बांधने को भी रक्षाबंधन से जोड़कर देखा जाता है। रक्षाबंधन को लेकर राखी और मिठाइयों की खरीदारी के लिए ग्राहकों की भीड़ दुकानों पर देखी गई। शहर में रक्षाबंधन पर्व को लेकर चारों तरफ चहल-पहल दिखाई दी।