शहीद भाई की कमी खलने नहीं दी, 205 कोबरा के अधिकारी व जवान भाई बनकर पहुंचे शादी की रस्म निभाने

गया। कमांडोज की जिंदगी आसान नहीं होती, जान हथेली पर लेकर जवान देश की रक्षा का फर्ज निभाते है। अपनी एवं अपने परिवार की जिंदगी से ज्यादा एक जवान राष्ट्र रक्षा को महत्व देता है, और यही केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की परंपरा है। ऐसा कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती। जवान सहादत हासिल कर इतिहास के पन्नो में अमर तो हो जाते है लेकिन उनके पीछे छुट जाता है उनका परिवार।
205 कोबरा बटालियन सीआरपीएफ के वीर उपनिरीक्षक रोशन कुमार ने 13 फरवरी 2019 को महज 25 वर्ष की आयु मे छकरबंधा, गया बिहार के घनघोर जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ लोहा लेते हुए कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देकर पूरे राष्ट्रको कृतज्ञ किया था। दिनांक 11 जुलाई 2024 को उनकी एक मात्र बहन मनीषा का विवाह उनके गृहनगर ग्राम- गरसंदा, जिला- लक्खीसराय

में संपन्न हुआ, जिसमे श्री नरेश पँवार कमांडेंट-205 बटालियन,के दिशा-निर्देशन मे 205 कोबरा के अधिकारियों  अधीनस्थ अधिकारियों ने एवं जवानों ने अपनी सक्रिय सहभागिता दिखाते हुए बहन मनीषा को अपने भाई की कमी महसूस नहीं होने दी एवं बहन को उपहार स्वरूप क्लासिक बुलेट एवं सहयोग राशि भेंट की। 205 कोबरा का एक प्रतिनिधि मण्डल 11 जुलाई 2024 को शहीद रोशन के गृहनगर ग्राम- गरसंदा, जिला-लक्खीसराय, कोबरा की वर्दी मे पहुँचा एवं जांबाज कमांडोज ने बहन मनीषा की शादी मे उन सभी रस्मों को निभाया जिन्हे आज अगर शहीद रोशन कुमार जिन्दा होते तो निभाते। यह देख कर समारोह मे

उपस्थित हर व्यक्ति की आंखे नम हो गई कमांडोज ने बहन मनीषा को कई सारे तोहफे दिए एवं फूलों की चादर की छाँव तले मंडप तक लेकर गए। शहीद रोशन कुमार के पिता मिथिलेश कुमार ने बताया की मेरा बेटा देश के लिए शहीद हो गया परंतु कोबरा कमांडोज के रूप मे आज मुझे कई बेटे मिल गए है जो हर दुख एवं सुख मे मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते है।