
गया । जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार को अपने भाई क़ी लंबी उम्र क़ी कामना को लेकर बहनों ने भैया दूज का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान भाइयों के माथे टीकों से सजे दिखाई दिए। दिन भर बहनों के अपने भाइयों के यहां टीका लगाने के लिए पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। माथे पर टीका लगाते हुए बहनों ने अपने भाइयों की सलामती की दुआ मांगी।भईया दूज को लेकर सुबह से ही दुकानों पर खरीदारी करने के लिए महिलाओं और युवतियों का तांता लगा रहा।मिठाइयों से लेकर आकर्षक तोहफों की खरीदारी की गई।बहन भाई के प्रेम को दर्शाता भैया दूज का त्योहार क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बहनों ने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र के लिए दुआ मांगी।भाई बहन के अटूट प्रेम को सूत्र में पिरोते इस त्योहार को जितना उत्साह बहनों में दिखा उतने ही भाई भी उत्साहित दिखे। भाइयों ने भी अपनी बहनों को स्नेह स्वरूप उपहार दिए।बाजार में महिलाओं और युवतियों ने जमकर खरीदारी की।भैया दूज के मौके पर बड़ी संख्या में बहनें अपने भाइयों के घर पहुंचीं।मौके पर गुन्नू,वैभवी,मोनिका लाल,मनीषा लाल,पलक लाल, सृष्टि लाल,अंकिता लाल,पूजा लाल साक्षी,आकांक्षी,प्रिंसी,नेहा, तन्नु,आशा,पल्लवी,रूबी,काजल, सेजल आदि ने बताया क़ि भईया दूज क़ा पर्व हमलोग प्रतिवर्ष अपने भाई क़ी लंबी उम्र क़ी कामना के लिए करते आ रहे हैं। पुरोहित विशाल कुमार पाण्डेय ने बताया क़ि भईया दूज के रूप में मनाए जाने वाले त्योहार के लिए ऐसा माना जाता है कि दीपावली के बाद भाई दूज के दिन ही यमराज ने अपने बहन यमी के घर का रुख किया था,जहां पर यमराज की बहन यमी ने उनके माथे पर तिलक लगाकर उनकी सलामती के लिए दुआ मांगी थी।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन से माथे पर तिलक लगाता है वह कभी भी नर्क में नहीं जाता है।एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करने के बाद अपनी बहन सुभद्रा के घर का रुख किया था। जहां पर कृष्ण की बहन सुभद्रा ने दीए जलाकर भाई का स्वागत किया था और तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र की दुआ मांगी थी।वर्तमान में भी यह प्रथा चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि दीपावली का पर्व इस त्योहार के बिना अधूरा है।
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