
गया। गया इंजीनियरींग कालेज की छात्राओं ने हॉस्टल सुविधा और फी माफी की मांग को लेकर सड़कों पर उतर गईं हैं। उन्होंने गया पटना मुख्य सड़क मार्ग (खिजरसराय) को जाम कर दिया है। छात्राएं सड़कों पर बैठ कर धरना दे रही है। वह कालेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रही हैं। हालांकि कालेज प्रशासन की ओर से उन्हें समझाने की कोशिश की जा रही है पर अब तक वे अपनी डिमांड पर अड़ी हैं। वहीं मौके पर खिजरसराय थाने की पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है। पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया है। वहीं कालेज प्रशासन का कहना है कि लड़कियां शाम के वक्त हॉस्टल से बाहर जाने की मांग कर रही है जो कि उनकी सुरक्षा के मद्देनजर उचित नहीं है। इसके अलावा जो अन्य मांगे हैं वे सभी सरकार की गाइड लाइन के तहत पूरी की जा रही है।
दरअसल बीते कुछ दिनों से कालेज की छात्राएं हॉस्टल व मेस फीस के अलावा सिद्धार्थ हॉस्टल , वाईफाई की सुविधा की मांग लगातार कालेज प्रशासन कर रहीं थीं। इसके अलावा हॉस्टल से बाहर जाने व लौटने का टाइम पीरियड बढ़ाने और हॉस्टल में साफ सफाई व वाटर कूलर की मांग कर रही थीं। लेकिन जब उनकी बात नहीं बनी तो वे मंगलवार को कालेज बाहर सड़क पर उतर गईं। वे सड़क पर बैठ गईं गया पटना मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। आंदोलनरत लड़कियां हाथों में तख्ती लिए हैं जिसमे उनकी मांगों की लंबी फेहरिस्त है। वहीं दूसरी ओर कालेज प्रशासन उन्हें समझाने लगा है।
इधर कालेज के प्रिंसिपल राजन सरकार कहना है कि इस बार एडमिशन में सीट की संख्या बढ़ाई गई है। नामांकन भी रिकॉर्ड स्तर पर हुआ है। पहले दो या तीन बेड वाले रूम में खाली रहने के कारण एक या दो लड़कियां रह रही थीं लेकिन संख्या बढ़ने के कारण जितना बेड है उतना अलॉट किया गया है। दूसरा यह कि शाम के बाद लड़कियों को सिक्योरिटी के कारण बाहर निकलना मना है । यही सबसे मुख्य कारण है।स्टूडेंट्स हॉस्टल और मेस फीस कम करने का मांग कर रहे हैं जो की प्रत्येक संस्थान का लगभग यही है। यहां के सभी नए हॉस्टल का फीस भी यही है । फीस भरने के लिए सरकार स्कॉलरशिप व स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड देती है। मेडिकल सुविधा के लिए संबंधित विभाग से कई बार मांग की गई है लेकिन अब तक सुविधा नही मिल पाई है। वाईफाई का स्पीड फिलहाल स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ने के कारण कम हुई है जिसे जल्द सुधार कर लिया जाएगा । उन्होंने बताया कि इन सभी का मांग है की बहुत पहले बने एक गर्ल्स हॉस्टल जिसका नाम सिद्धार्थ छात्रावास है, कई वर्ष पहले से ही ब्वॉयज को अलॉट किया गया है। क्योंकि पहले लड़कियां संस्थान परिसर में नही रहती थी। फिर भी यदि सुजाता गर्ल्स हॉस्टल के सभी सीट भर जाती है तो सिद्धार्था हॉस्टल के लड़कों को खाली करा दिया जायेगा। लेकिन सीट फुल होने के बाद ही। प्राचार्य डॉ राजन सरकार ने कहा कि लड़कियों को हर सुविधा मिले ये हमारी प्राथमिकता है लेकिन यह संस्थान शहर से लगभग 20 किमी दूर होने के कारण कुछ दिक्कतें भी है। लड़ियों को उनकी सुरक्षा के कारण ही शाम के बाद बाहर बिना वजह के नही जाने डियबज सकता है । उनके माता पिता हमारे ही भरोसे यहां रख कर गए हैं।
सच भारत न्यूज संवाददाता दीपक सिंह
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