नक्सलियों के गढ़ रहे पंचरुखिया में शान से लहराया तिरंगा

गया। औरंगाबाद जिला के अति नक्सलवाद प्रभावित छकरबंधा क्षेत्र के पंचरुखिया में 205 कोबरा बटालियन के जवानों एवं अधिकारीयों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर आजादी का जश्न अद्भुत अंदाज़ में मनाया। 77वां स्वतंत्रता दिवस के मौके पर विमल कुमार बिष्ट, पुलिस उप महानिरीक्ष ने कैलाश, कमांडेंट 205 कोबरा, जवानों तथा ग्रामीणों के साथ मिलकर पचरुखिया में तिरंगा लहराया। ध्वजारोहण के बाद मौजूद ग्रामीणों एवं सुरक्षाबलों को संबोधित करते हुए उन्होंने सभी को आजादी के अमृत महोत्सव की सुभकामनाएँ दी और विश्वास जताया की जल्द ही पलायन कर गए ग्रामीण वापस अपने घर लौट आयेंगे और पूरा इलाका समृद्धि एवं प्रगति की रौशनी से जगमगाएगा। इस मौके पर 500 मीटर लम्बी तिरंगा यात्रा भी निकाली गई जिसमे ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा उनका उत्साह देखते बन रहा था| ध्वजारोहण के बाद 205 कोबरा के द्वारा सिविक एक्शन प्रोग्राम का भी आयोजन किया गया था जिसके तहत ग्रामीणों को जरुरत की सामग्री जैसे साड़ी, लुंगी तथा स्कूली छात्रो के लिए स्कूल बैग तथा किताबें भी बांटी गईं। इस दौरान ग्रामीणों के लिए मुफ्त चिकित्सा शिविर का भी आयोजन 205 कोबरा की तरफ से किया गया था जिसका उन्होंने भरपूर लाभ लिया। इस दौरान ग्रामीणों के चेहरे पर शांतिपूर्ण वातावरण में आज़ादी की सांस लेने का सुकून दिखा। बता दें की छकरबंधा क्षेत्र में वर्षो से नक्सलियों का कब्ज़ा था, तथा यह उनका सुरक्षित ठिकाना माना जाता था।बिहार के गया तथा औरंगाबाद की सीमा पर नक्सलियों के गढ़ रहे छकरबंधा में वर्षो से नक्सलियों अभेद्य किले के तौर पर माना जाता था,जहाँ नक्सलियों नें पूरे जंगली इलाके में बारूदी सुरंग बिछा राखी था, तथा अपनी एक सामानांतर व्यवस्था कायम की थी,जहाँ सुरक्षाबलों के लिए पहुंचना किसी आग का दरिया लांघने से कम नहीं था। इस इलाके में नक्सलियों के खौफ का मंजर कुछ यूँ था की ग्रामीण तक अपना घर-बार छोड़कर पलायन करने को विवश हो गया तथा ये गाँव वीरान हो गया | पिछले 02 वर्षों के दौरान अपने अथक परिश्रम और अद्भुत त्याग का परिचय देते हुए 205 कोबरा बटालियन नें, अन्य सुरक्षा बलों तथा जिला पुलिस के साथ मिलकर ना सिर्फ पुरे इलाके को नक्सलवाद से मुक्त करवाया बल्कि इस इलाके में विकास की बहार लाने में भी सर्वोपरि भूमिका निभाई है। इसके प्रमाण के तौर पर आज इस इलाके में बिजली, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएँ तथा शांति आई जो सही मायने में आजादी के अमृत महोत्सव का सार्थक एवं संपूर्ण स्वरुप प्रदान करता है।