फतेहपुर में पीएम आवास योजना में बड़ा घोटाला! पैसे लेकर जोड़े जा रहे हैं नाम, मुखिया के पुत्र और रोजगार सेवक की सांठगांठ का आरोप

फतेहपुर प्रखंड के धरहराकला पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत नाम जोड़ने में बड़ी धांधली का आरोप लगा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पैसे लेकर गरीबों के नाम की जगह अमीरों के नाम जोड़े जा रहे हैं। इस घोटाले में मुखिया के पुत्र और रोजगार सेवक की सांठगांठ का आरोप लगाया जा रहा है। यह मामला सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार की एक और काली करवट को उजागर करता है।

पैसे लेकर नाम जोड़ने का खेल

धरहराकला पंचायत के वार्ड सदस्य गणेश यादव ने बताया कि मुखिया के पुत्र और रोजगार सेवक हरबंस कुमार मिलकर इस धांधली को अंजाम दे रहे हैं। गणेश के मुताबिक, हरबंस कुमार गांव में घूम-घूमकर लोगों से पैसे वसूलते हैं और जो व्यक्ति पैसे देता है, उसका नाम पीएम आवास योजना में जोड़ दिया जाता है। वहीं, जो लोग पैसे नहीं देते, उनके नाम जोड़ने से साफ इनकार कर दिया जाता है।

गणेश ने आगे बताया कि हरबंस कुमार ने छोटू कुमार नाम के एक युवक को पैसे वसूलने के लिए नियुक्त किया है। छोटू हर व्यक्ति से 2,000 रुपये वसूलता है और उसके बाद ही उसका नाम योजना में जोड़ा जाता है। जब गणेश और अन्य ग्रामीणों ने इसका विरोध किया,तो छोटू ने खुलासा किया कि यह पैसा रोजगार सेवक हरबंस कुमार के कहने पर वसूला जा रहा है।

नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं

पीएम आवास योजना के नियमों के मुताबिक,इस योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों को दिया जाना चाहिए, जिनके पास रहने के लिए कोई पक्का मकान नहीं है और जो मिट्टी, फूस या खपड़े के घर में रहते हैं। साथ ही, परिवार के किसी सदस्य के नाम पर पक्का मकान नहीं होना चाहिए। लेकिन इस मामले में ठीक उलट हो रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि रोजगार सेवक हरबंस कुमार उन्हीं लोगों के नाम जोड़ रहे हैं, जिनके पास पहले से ही पक्के मकान हैं। यह साफ तौर पर योजना के नियमों का उल्लंघन है।

मुखिया के पुत्र और रोजगार सेवक की सांठगांठ

ग्रामीणों का आरोप है कि मुखिया के पुत्र और रोजगार सेवक हरबंस कुमार मिलकर इस पूरे घोटाले को अंजाम दे रहे हैं। हरबंस कुमार ने छोटू कुमार को पैसे वसूलने के लिए नियुक्त किया है, जो गांव में घूम-घूमकर लोगों से पैसे लेता है। इसके बाद ही उनका नाम योजना में जोड़ा जाता है। जो लोग पैसे नहीं देते, उनके नाम जोड़ने से साफ इनकार कर दिया जाता है।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

इस मामले में रोजगार सेवक हरबंस कुमार से बात करने की कोशिश की गई,लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं,गया जिलाधिकारी ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी को जांच का निर्देश दिया गया है। यदि कोई गड़बड़ी पाई गई तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीणों में रोष

इस पूरे मामले से ग्रामीणों में गुस्सा है। वे कहते हैं कि सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तव में जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रहा है। जिन लोगों के पास पहले से ही पक्के मकान हैं, उन्हें योजना का लाभ मिल रहा है, जबकि गरीब और बेघर लोग इससे वंचित रह जा रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मामले की त्वरित जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

वहीं इस मामले में धरहराकला पंचायत के मुखिया सदस्य अमरेंद्र कुमार राय उर्फ दरोगा यादव ने बताया कि ऐसा कोई बात नहीं है। जो भी आरोप लगाया जा रहा है बेबुनियाद है।

क्या है पीएम आवास योजना?

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य देश के गरीब और बेघर लोगों को सस्ते दर पर घर उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत गरीबों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे अपना घर बना सकें। लेकिन फतेहपुर में इस योजना के क्रियान्वयन में हुई अनियमितताएं सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोलती हैं।

अब क्या होगा?

गया जिलाधिकारी ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी? क्या वास्तव में जरूरतमंदों को योजना का लाभ मिल पाएगा? या फिर यह मामला भी फाइलों की धूल में दबकर रह जाएगा? ग्रामीणों की नजर अब प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हुई है।