मुखिया राजीव रंजन पेश किया जनसेवा का अनोखा मिशाल

निजी कोष से पंचायत वासियों को दिया एंबुलेंस, चलाया कुपोषण मुक्त अभियान और यक्ष्मा पीड़ितों को दी सेवा

वजीरगंज(गया);गया जिला अंतर्गत वजीरगंज प्रखंड के पतेड़ मंगरवां पंचायत का मुखिया राजीव रंजन ने जनसेवा का ऐसा उदाहरण पेश किया है, जो आमतौर पर पंचायत प्रतिनिधियों के बारे में प्रचलित धारणाओं को बदल देता है। जहां अक्सर पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लगते रहते हैं, वहीं राजीव रंजन ने अपने कार्यों से यह साबित किया है कि इच्छा शक्ति और सही सोच हो तो जनसेवा किसी भी स्तर पर की जा सकती है।पहली बार मुखिया पद संभालते ही उन्होंने निजी कोष से एक एंबुलेंस खरीदी और उसे पंचायतवासियों की निःशुल्क सेवा में समर्पित कर दिया। यह एंबुलेंस प्रतिदिन आधा दर्जन से अधिक महिलाओं, पुरुषों और बच्चों को स्वास्थ्य सेवा केंद्रों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इतना ही नहीं, इस एंबुलेंस के ईंधन और चालक पर होने वाला खर्च भी मुखिया स्वयं वहन करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एंबुलेंस के कारण कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज समय रहते अस्पताल पहुंच सके और उनकी जान बच गई।
राजीव रंजन अभी मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष भी हैं जो केवल एम्बुलेंस सेवाओं तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने पंचायत में कुपोषण के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप पूरा पंचायत क्षेत्र कुपोषणमुक्त घोषित किया गया। यह उपलब्धि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य और पोषण सुधार की दिशा में एक मिसाल है।
इसके अलावा उन्होंने अपने पंचायत सहित पूरे प्रखंड के अन्य गांवों में यक्ष्मा (टीबी) पीड़ितों को खोजकर दर्जनों मरीजों को गोद भी लिया है जिसकी पुष्टि वजीरगंज सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा नितिन कुमार एवं स्वास्थ्य प्रबंधक नैयर आजम करते हुए बताते हैं कि वे चिकित्सकों द्वारा सुझाए गए मेन्यू के अनुसार इन मरीजों को नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में मुफ्त पोषण आहार उपलब्ध कराते हैं, जिससे उनके उपचार में तेजी आ रही है।
क्षेत्र में जहां कहीं भी भीषण दुर्घटना होती है या किसी परिवार को अचानक बड़े आर्थिक सहयोग की आवश्यकता पड़ती है, वहां राजीव रंजन एक फरिश्ते की तरह पहुंचकर मदद करते हैं। उनकी एंबुलेंस सेवा और आर्थिक सहयोग ने अब तक कई लोगों की जान बचाई है। स्थानीय लोग बताते हैं कि ऐसे कठिन समय में उनकी उपस्थिति ने कई परिवारों को दोबारा जीवन जीने उम्मीद दी है।समाज सेवा का ऐसा समर्पित और मानवीय चेहरा यह दर्शाता है कि जब नेतृत्व संवेदनशील हो, तो एक पंचायत भी विकास और मानवता की नई इबारत लिख सकती है।

कोरोना काल में भी मुखिया होने से पहले जब अधिकांश चुने हुए जनप्रतिनिधि अपने घरों में दुबके थे तब राजीव अपना जान जोखिम में डालकर साधनविहीन लोगों के घरों तक पहुचकर आवश्यक दवाइयां, मास्क, सेनिटाइजर,साबुन,खाने पीने की वस्तु एवं अन्य जरूरी सामग्रियां निःशुल्क वितरण करते रहे। वे क्षेत्र के फुटबाल, वाली बाल, कुश्ती, कबड्डी जैसे परंपरागत खेलों के खेलाड़ियों को पुरस्कार एवं खेल सामग्री देकर प्रोत्साहित करते रहते हैं।
वे प्रखंड क्षेत्र के प्रतिभावान गरीब छात्र छात्राओं को भी आर्थिक सहायता करने से बाज नहीं आते हैं।प्रखंड क्षेत्र के किसी भी पंचायत के दसवीं बारहवीं के वैसे विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते देखे जाते हैं जो वार्षिक परीक्षा में जिला एवं प्रदेश स्तर के टाप टेन सूची में शामिल होते हैं।किसी भी प्रकार केआपदा में पीड़ितों के घर पहुचकर उन्हें भी सहयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।मुखिया जी का यह कार्यशैली जन जन के दिलों में अपना स्थान बनाते जा रहा है।