
सभी शिक्षक पाए गए अनुपस्थित मुखिया ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
औचक निरीक्षण में खुली पोल मध्याह्न भोजन योजना में गड़बड़ी के आरोप
वीडियो वायरल होने से बढ़ा ग्रामीणों का आक्रोश
टनकुप्पा प्रखंड के ग्राम पंचायत भेटौरा के प्राथमिक विद्यालय कर्माटाड़ में शिक्षा तंत्र की गंभीर लापरवाही शनिवार को उजागर हुई। जब पंचायत के मुखिया दिलीप प्रसाद यादव ने विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापक सहित सभी सहायक शिक्षक पूरी तरह अनुपस्थित पाए गए। विद्यालय परिसर में अव्यवस्था का माहौल था और बच्चों की उपस्थिति नगण्य मिली जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया।
मुखिया यादव ने तत्काल प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी को फोन कर स्थिति की जानकारी दी तथा संबंधित शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि विद्यालय की यह स्थिति बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसकी शिकायत जिलाधिकारी से करूंगा।
मध्याह्न भोजन योजना में अनियमितता के गंभीर आरोप :-
निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने मुखिया को बताया कि विद्यालय में मध्याह्न भोजन योजना में भी व्यापक अनियमितता होती है। आरोप है कि बच्चों के पोषण के लिए केंद्र द्वारा भेजी जाने वाली राशि को विद्यालय से जुड़े कुछ लोग आपस में बाट लेते हैं। जिससे गरीब परिवारों के बच्चों का हक मारा जा रहा है। भोजन की गुणवत्ता और उपलब्धता पर भी सवाल उठाए गए।
वार्ड सदस्य ने भी की शिकायतों की पुष्टि।
विद्यालय क्षेत्र के वार्ड सदस्य नागेन्द्र पासवान विद्यालय पहुंचकर ग्रामीणों की शिकायतों की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों की अनुपस्थिति और अव्यवस्थित माहौल कोई नई बात नहीं है। बल्कि लंबे समय से इस तरह की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने इस पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग की उदासीनता बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल रही है।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, बढ़ी गंभीरता :- घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला और गंभीर हो गया है। वीडियो में विद्यालय की अव्यवस्था, ताला बंद कमरे और शिक्षकों की अनुपस्थिति स्पष्ट दिखाई दे रही है। इसने ग्रामीणों के गुस्से को और भड़का दिया है।
मुखिया दिलीप प्रसाद यादव ने एक बार फिर बीइओ और बीडीओ से तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने। दोषी शिक्षकों को दंडित करने और विद्यालय की व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि शिक्षा तंत्र इसी तरह लापरवाह रहा तो बच्चों का भविष्य सुरक्षित नहीं रह पाएगा।













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