एसएसबी का डबल इवेंट: कंप्यूटर-सिलाई प्रशिक्षण का समापन, 15-दिवसीय भर्ती कोर्स शुरू

नरकटियागंज। इंडो–नेपाल सीमा की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एसएसबी 44वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल नरकटियागंज न केवल सुरक्षा के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक दायित्वों के पालन में भी निरंतर अग्रणी रही है। इसका उत्कृष्ट उदाहरण डी समवाय मुंगराहा में देखने को मिला, जहाँ एक साथ दो प्रशिक्षण कार्यक्रमों का समापन तथा एक नए भर्ती पूर्व तैयारी कोर्स का शुभारंभ किया गया।समापन समारोह में 30-दिवसीय बेसिक कंप्यूटर प्रशिक्षण एवं 30-दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण के प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों के युवाओं एवं युवतियों को रोजगार से जोड़ने और सुरक्षा बलों में भर्ती हेतु सक्षम बनाने के उद्देश्य से 15 दिनों के भर्ती पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि शैलेन्द्र गढ़वाल,अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति, बिहार सरकार तथा 44वीं वाहिनी के कमांडेंट श्री बलवंत सिंह नेगी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 200 युवाओं को शामिल किया जाएगा, जिसका उद्देश्य बॉर्डर इलाके के युवाओं को रोजगार, अवसर और आत्मनिर्भरता से जोड़ना है। इसी क्रम में कृषि विज्ञान अनुसंधान केंद्र, नरकटियागंज द्वारा बाइब्रेंट विलेज के 20 महिलाओं को निःशुल्क सिलाई मशीनें वितरित की गईं, जिससे ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा सके।सशस्त्र सीमा बल समय-समय पर सीमावर्ती समुदायों को विभिन्न विषयों पर जागरूक करती रही है, जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, सीएपीएफ भर्ती मार्गदर्शन, रक्तदान शिविर, पर्यावरण संरक्षण, मधुमक्खी पालन, नशा मुक्ति अभियान तथा सरकार की लाभकारी योजनाओं की जानकारी शामिल है। कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं ग्रामीणों को इन सभी विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई।
इसके साथ ही कुमार फाउंडेशन के निदेशक आकाश जी द्वारा सभी प्रशिक्षुओं को न्यूट्रिमिक्स का वितरण किया गया। बताया गया कि आगामी कोर्स कुमार फाउंडेशन (एनजीओ) द्वारा संचालित किया जाएगा।
कार्यक्रम में 44वीं वाहिनी एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट ज्ञानेंद्र कुमार, सहायक कमांडेंट सागर मलिक, सहायक कमांडेंट निर्मल चकमा, निरीक्षक (सामान्य) बहादुर लाल, निरीक्षक सामान्य जयप्रकाश, निरीक्षक सामान्य बलवंत सिंह जडेजा, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर.पी. सिंह एवं डॉ. भूषण कुमार सिंह सहित बलबल, कैरी, नागरदही, भंगहा, सिरसिया, पचरौता एवं मुंगराहा गाँवों के लगभग 400 युवक-युवतियाँ उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम न केवल युवाओं को कौशल विकास से जोड़ता है, बल्कि सीमावर्ती समाज को आत्मनिर्भरता और अवसरों के नए आयाम भी प्रदान करता है।