
नवादा – जिले में साइबर अपराध से अर्जित अवैध संपत्तियों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की गई है। साइबर अपराध में संलिप्त धीरज कुमार की लगभग 1.10 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।
धीरज कुमार, नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना अंतर्गत भवानी बिगहा गांव निवासी अशोक राम का पुत्र है। उसके विरुद्ध साइबर थाना नवादा में कांड संख्या 68/24 के तहत मामला दर्ज है। पुलिस जांच में सामने आया है कि धीरज ने साइबर ठगी से अर्जित धन से अपने और अपने माता-पिता के नाम पर तीन मंजिला मकान, एक चार पहिया वाहन, तथा राजगीर और कतरीसराय में छह भूखंड खरीदे हैं।
कोर्ट का सख्त रुख
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 107 के तहत कोर्ट ने धीरज कुमार को नोटिस जारी किया है। अदालत ने उसे 15 दिनों के भीतर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। यदि आरोपी तय समय सीमा में अदालत में पेश नहीं होता या पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करता है, तो कोर्ट उसकी संपत्ति एकतरफा आदेश के तहत जब्त कर सकती है।
जब्त की गई संपत्ति को राज्य सरकार द्वारा सरकारी उपयोग या ठगी के शिकार पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
आठ लोगों को जारी हुआ नोटिस
इस प्रकरण में अब तक आठ अन्य व्यक्तियों को भी नोटिस जारी किया गया है, जो धीरज कुमार के संपर्क में रहे हैं या उसके नेटवर्क से जुड़े पाए गए हैं।
देशभर में फैला था अपराध नेटवर्क
साइबर थाना की रिपोर्ट के अनुसार, धीरज कुमार एक संगठित साइबर गिरोह का संचालन करता था। 8 दिसंबर 2024 को वारिसलीगंज के चकवाय गांव में पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस और मानवीय खुफिया जानकारी के आधार पर छापेमारी की थी, जिसमें धीरज समेत कुल नौ लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। गिरोह ने एक साइबर डीएसपी को भी ठगने की कोशिश की थी।
तेलंगाना में भी कर चुका है ठगी
धीरज का अपराध नेटवर्क बिहार तक सीमित नहीं था। वर्ष 2022 में तेलंगाना के एक व्यवसायी से उसने 16 लाख रुपये की ठगी की थी। इस मामले में 15 मई 2023 को तेलंगाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर संगरारेड्डी जेल भेजा था, जहां से वह 21 जून 2023 को जमानत पर रिहा हुआ था। वर्तमान में वह जमानत पर बाहर है।
प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यह कार्रवाई की है, जिससे यह संकेत मिलता है कि साइबर अपराध से अर्जित संपत्तियों पर अब सख्त शिकंजा कसा जाएगा।
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