
फतेहपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय संडेश्वर में मध्यान्ह भोजन योजना की लगातार हो रही अनियमितताओं के कारण एक बार फिर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। गुरुवार को विद्यालय में पढ़ने वाले पांच बच्चों को भोजन नहीं मिला, जिसके चलते छात्र-छात्राओं ने नाराजगी जाहिर की।
भोजन से वंचित छात्र रोशन कुमार, सूरज कुमार, अंकित कुमार और वर्षा कुमारी ने बताया कि उन्हें आज मिड-डे मील नहीं दिया गया। जब उन्होंने विद्यालय की शिक्षिका से पूछा, तो उन्हें जवाब मिला कि “खाना खत्म हो गया है।” यही बात विद्यालय की रसोइया ने भी स्वीकार की। बच्चों ने बताया कि यह समस्या प्रतिदिन की है, और कई बार उन्हें बिना भोजन के घर लौटना पड़ता है।
बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन
सरकार द्वारा चलाई जा रही राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन योजना (Mid-Day Meal Scheme) का उद्देश्य बच्चों को पोषणयुक्त भोजन देना और शिक्षा के प्रति उनकी भागीदारी को बढ़ाना है। लेकिन जब बच्चों को नियमित रूप से भोजन नहीं मिलता है, तो यह न केवल योजना की अवहेलना है, बल्कि बच्चों के अधिकारों का भी हनन है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) श्री दिनेश राय ने कहा, “विद्यालय से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा, और अगर लापरवाही पाई गई तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
मध्यान भोजन पदाधिकारी ने भी बताया कि मामले की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ उचित प्रशासनिक कदम उठाए जाएंगे। इस घटना की जानकारी जिला पदाधिकारी (DM) को भी दी गई है और स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।
सरकारी नियमों के अनुसार मध्यान्ह भोजन में लापरवाही पर क्या होती है कार्रवाई?
मध्यान्ह भोजन योजना की मॉनिटरिंग भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के तहत होती है। यदि किसी विद्यालय में बच्चों को नियमित रूप से भोजन नहीं दिया जाता है, तो:
1. प्रधानाध्यापक और संबंधित कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा जाता है।
2. जांच समिति गठित कर मामले की गहन जांच की जाती है।
3. दोष सिद्ध होने पर:
रसोइया का अनुबंध रद्द किया जा सकता है।
प्रधानाध्यापक या संबंधित शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो सकती है।
भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी से हटाया जा सकता है।
4. विद्यालय को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया जाता है।
5. बच्चों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए पोषण भत्ता (Food Security Allowance) भी देने का प्रावधान है।
समाप्ति टिप्पणी
उत्क्रमित मध्य विद्यालय संडेश्वर में मध्यान्ह भोजन की यह स्थिति न केवल प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि उन बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ भी है, जिनके लिए यह योजना शुरू की गई थी। अब देखना यह होगा कि प्रशासन जांच के बाद कितनी तत्परता से दोषियों पर कार्रवाई करता है और बच्चों को उनका संवैधानिक अधिकार वापस दिलाता है।
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