
(बिहार) –फतेहपुर प्रखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से दलालों और अवैध नर्सिंग होम के गठजोड़ की भेंट चढ़ चुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, क्षेत्र में सैकड़ों अवैध नर्सिंग होम धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं, जिनका न तो कोई पंजीकरण है और न ही कोई चिकित्सकीय मान्यता। इन संस्थानों में योग्य डॉक्टरों की भारी कमी है, फिर भी ये खुलेआम मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मरीजों को अस्पताल की जगह इन नर्सिंग होम में भेजने का काम एक पूरे नेटवर्क के तहत किया जाता है, जिसमें दलालों की मुख्य भूमिका होती है। हर मरीज पर दलालों को मोटी रकम दी जाती है, जिससे उनकी मंशा केवल पैसे कमाना रह जाती है, न कि मरीज की जान बचाना।
महिला की मौत बनी सवालों के घेरे में
कुछ दिन पहले फतेहपुर के एक ऐसे ही अवैध नर्सिंग होम में इलाज के दौरान एक महिला की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप है कि महिला की तबीयत बिगड़ने पर भी समय रहते उचित चिकित्सा सुविधा नहीं दी गई। इस लापरवाही से उसकी जान चली गई।
हालांकि, इस गंभीर मामले को दलालों और नर्सिंग होम संचालकों ने मिलकर दबा दिया। बताया जा रहा है कि मृतक महिला के परिजनों को मोटी रकम देकर समझौता करवा लिया गया और इसकी सूचना तक स्थानीय प्रशासन को नहीं दी गई।
प्रशासन बना है मौनदर्शक
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में अवैध नर्सिंग होम चलने के बावजूद स्थानीय प्रशासन द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यह सवाल उठाता है कि कहीं इस पूरे रैकेट में कुछ अधिकारियों की मिलीभगत तो नहीं?
जनता कर रही है जवाबदेही की मांग
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और जागरूक नागरिकों ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो किसी और की जान भी इस तरह के फर्जी इलाज का शिकार हो सकती है।
जरूरी है सख्त कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस को मिलकर फतेहपुर प्रखंड में चल रहे अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।
सभी नर्सिंग होम का पंजीकरण सत्यापित किया जाए
गैरकानूनी रूप से कार्यरत संस्थानों को तत्काल बंद कराया जाए
दलालों के नेटवर्क को ध्वस्त किया जाए
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