
नरकटियागंज। इंडो-नेपाल सीमा की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली 44वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल नरकटियागंज न केवल सीमा की रक्षा करती है, बल्कि सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में भी सदैव अग्रणी रहती है। इसी क्रम में 22 सितंबर से 27 सितंबर तक “सी” समवाय भीखनाथोरी के बाह्य सीमा चौकी तीन लालटेन में 6 दिवसीय अल्पकालिक डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।प्रशिक्षण के समापन अवसर पर क्षेत्रक मुख्यालय मुजफ्फरपुर के कमांडेंट एवं पशु चिकित्सक डॉ. एस.एन. सिंह ने सीमावर्ती किसानों एवं युवाओं को प्रमाण पत्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि डेयरी फार्मिंग जैसी तकनीकी जानकारी ग्रामीण युवाओं और किसानों के लिए आजीविका का सशक्त साधन बन सकती है। साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों को खानपान, रहन-सहन एवं जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने की सलाह दी ताकि वे स्वस्थ और बेहतर जीवन जी सकें।समवाय प्रभारी सहायक कमांडेंट सागर मलिक, सीमा चौकी प्रभारी उप निरीक्षक रवि कुमार तथा मुख्य आरक्षी (पशु चिकित्सा) संजय कुमार ने बताया कि सशस्त्र सीमा बल अपने नागरिक कल्याण कार्यक्रमों के तहत समय-समय पर डेयरी फार्मिंग सहित विभिन्न प्रकार की उपयोगी गतिविधियों का आयोजन करती रहती है। इन कार्यक्रमों से सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिलते हैं और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम उनके जीवन में न केवल आर्थिक विकास बल्कि जागरूकता भी लाते हैं। इस प्रकार सीमा सुरक्षा के साथ-साथ समाज के उत्थान में भी एसएसबी की भूमिका अत्यंत सराहनीय है।
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