राजद में टिकट की होड़ तेज: बोधगया में अजय पासवान और कुमार सर्वजीत का शक्ति प्रदर्शन

फतेहपुर:- बोधगया विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के दो प्रभावशाली नेताओं — पूर्व विधायक अजय पासवान और वर्तमान विधायक कुमार सर्वजीत — के बीच राजनीतिक रस्साकशी खुलकर सामने आ गई है। दोनों नेता इन दिनों डुमरीचट्टी और पुरनीबथान जैसे गांवों में जनसंपर्क और जनसभा के कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, जिन्हें स्थानीय स्तर पर शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है।

इन आयोजनों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं। सवाल यह है कि किस नेता के कार्यक्रम में ज्यादा भीड़ जुट रही है और जनता का झुकाव किस ओर है।

भीड़ ही बनेगी दिशा सूचक?

बिहार की राजनीति में यह लंबे समय से परंपरा रही है कि जनसभाओं की भीड़ से उम्मीदवार की लोकप्रियता और संभावनाओं का अंदाजा लगाया जाता है। ऐसे में दोनों नेताओं द्वारा आयोजित सभाएं कहीं न कहीं आगामी 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी मानी जा रही हैं।

राजद में भीतरघात या रणनीतिक संतुलन?

चूंकि दोनों नेता राजद से हैं, यह अंदरूनी प्रतिस्पर्धा पार्टी में गुटबाज़ी की ओर इशारा करती है। हालांकि पार्टी स्तर पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह शक्ति प्रदर्शन पार्टी टिकट के लिए हो रही लॉबिंग का हिस्सा हो सकता है।

जातीय समीकरण भी होंगे निर्णायक

बोधगया विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या जातीय और सामाजिक रूप से विविध है। ऐसे में भीड़ की गिनती सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि यह भी संकेत देती है कि किस जातीय वर्ग का समर्थन किस नेता को मिल रहा है। यह समीकरण चुनावी रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है।

पार्टी के सामने चुनौतीपूर्ण फैसला

यदि अजय पासवान अपने जनाधार का प्रभावी प्रदर्शन कर पाते हैं, तो पार्टी नेतृत्व के सामने उन्हें दोबारा टिकट देने का दबाव बनेगा। वहीं, यदि वर्तमान विधायक कुमार सर्वजीत अपने कार्यकाल की उपलब्धियों के सहारे बड़ी भीड़ जुटाने में सफल रहते हैं, तो उनकी उम्मीदवारी और मजबूत हो जाएगी।

राजद नेतृत्व को आने वाले समय में यह तय करना होगा कि पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए किस नेता पर भरोसा किया जाए। फिलहाल, बोधगया में सियासी तापमान चढ़ा हुआ है, और जनता के बीच दोनों नेताओं की पकड़ का असली परीक्षण जारी है।