ईद मिलाद-उन-नबी (पैगंबर मोहम्मद साहब का 1500वां जन्मदिन मनाया गया

ईद मिलादुन्नबी (12रबी उल अव्वल) मुस्लिम भाइयों के द्वारा पैग़म्बर मोहम्मद साहब के संदेशों और मानवता के प्रति उनके योगदान को याद करते हैं। यह खास दिन मुसलमानों को समाज की सेवा करने एवं गरीब असहाय व जरूरतमंदों की मदद के लिए प्रेरित करता है। इतिहास में कुछ व्यक्तित्व ऐसे हुए हैं जिनका अस्तित्व केवल उनके युग या भौगोलिक क्षेत्र तक सीमित नहीं बल्कि समय और स्थान के सभी

सीमाओं को लांघकर उन्होंने आने वाली सदियों तक मानवता को दिशा दी। पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम व्यक्तित्वों में सर्वोपरि हैं। अरब की तपती रेत,अज्ञानता मूर्ति पूजन और सामाजिक असमानता से भरे वातावरण में पै.मो.स.ने जो क्रांति कि वह सम्पूर्ण मानवीय पुनर्जागरण था।ईद मिलादुन्नबी के शुभ अवसर पर मुस्लिम भाइयों ने सड़क एवं मोहल्ले से गुजरते हुए प्रेम का संदेश के रूप में कलम और गुलाब का फूल साथ ही सादगी के प्रतीक सफेद रंग का गमछा देकर राहगीर एवं ग्रामीणों को उपहार स्वरूप देकर इस्लाम प्रेम का संदेश के रूप में सम्मानित किया। इस अवसर पर दारुल उलूम गरीब नवाज, रुपिन (फतेहपुर) एवं क़ाजी एदार-ए-शरिया(मगध प्रमंडल) जनाब मुफ्ती मुजफ्फर हुसैन मिस्बाही एवं कारी जनाब अहमद अली इस पवित्र पर्व के शुभ अवसर पर फतेहपुर स्थित झंडा चौक पर अपने संबोधन में कहा कि इस्लाम आपसी भाईचारे और प्रेम का संदेश देता है सामाजिक बुराइयों से दूर रहने की शिक्षा देता है। नगर पंचायत फतेहपुर के मुख्य पार्षद रवि कुमार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम में सम्मिलित सभी मुस्लिम भाइयों को नाश्ता,पानी और गमछा देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुफ्ती मो. शमीम,हाफिज दानिश,हाफिज शमीम,साथ ही और भी धर्म गुरुओं एवं अकीदत मंद लोग शामिल रहे।