सरकारी राशि का गबन का आरोप।

प्रखंड के नीमी पंचायत के मुखिया तबस्सुम परवीन तत्कालीन पंचायत सचिव सुरेंद्र मिश्रा सहित तीन लोगों की गिरफ्तारी का आदेश वरीय पुलिस पदाधिकारी के जांच के बाद निर्गत किया गया है। इधर फतेहपुर पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दिया,पर तीनों इलाके से गायब है।
क्या है मामला।
नीमी पंचायत बगोदर निवासी अभिमन्यु कुमार ने 2023 में सरकारी योजनाओं की राशि के गबन को लेकर गया कोर्ट में परिवाद दायर किया था। परिवाद में मुखिया तबस्सुम परवीन, तत्कालीन पंचायत सचिव सुरेंद्र मिश्रा एवं मुखिया प्रतिनिधि अमीन आलम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।कोर्ट के आदेश पर फतेहपुर थाना में कांड संख्या 307/23 दर्ज किया गया। केस दर्ज करने के बाद एक साल तक थाना एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं किया गया। उसके बाद शिकायतकर्ता ने मगध के आइजी के पास अगस्त 2024 में शिकायत दर्ज कराई। आइजी के आदेश पर गबन की जांच का आदेश एएसपी को दिया गया। एएसपी के जांच में तत्कालीन केस आइओ खालिद फ़िरदौस के खिलाफ भी कड़ी टिप्पणी किया गया है। उनपर जांच में शिथिलता बरतने का मामला पाया गया है। जांच में शिकायत कर्ता के द्वारा नल जल योजना, पीसीसी निर्माण एवं करीब अंत्येष्ठि की राशि में गबन करने का आरोप लगाया गया था वह सही पाया गया।
वार्ड नंबर 7 में घरों की संख्या ज्यादा दिखाई, करीब अंत्येष्ठि योजना के तहत 39 लाभुकों को दिया गया आधी राशि।
नीमी पंचायत के वार्ड नंबर 7 में 209 घरों की जगह 250 घर दिखाकर नल जल योजना में गबन किया गया। वहीं पुरानी नाली की रिपेयरिंग कर उसे नयी निमार्ण कार्य दिखाया गया । वहीं बीपीएल परिवारों को करीब अंत्येष्ठि योजना के तहत मिलने वाले तीन हजार रुपए की जगह 39 लोगों को 15 सौ रुपए ही दिया गया।
क्या कहते हैं थाना प्रभारी।
थाना प्रभारी प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि दर्ज केस में जांच के दौरान सभी आरोप सही पाया गया है। मुखिया, पंचायत सचिव एवं मुखिया पति की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कि जा रही है। फरार रहने पर कोर्ट से कुर्की वारंट जारी कराने का प्रयास किया जायेगा।
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