
गया जिले के टनकुप्पा प्रखंड का एक ऐसा गांव जहां आजादी के 78 वर्ष बाद भी विकास की किरण नहीं पहुंच पाई है। सड़क के लिए ग्रामीण आज तक किसी तारणहार के आने का इंतजार कर रहा है। गांव की दुर्दशा को देखकर सभी का मन दुखी हो जाएगा। एक तरफ सरकार गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने हेतु पक्की सड़क निर्माण का जाल बिछाने का राग अलाप रही है। वहीं दूसरी ओर कैलूडीह जाने वाली सड़क की हालत देखकर सड़क की जाल बिछाने का राग झूठा साबित हो रही है। सड़क बनाने सहित गांव में नली, गली, नलजल की सुविद्या के लिए किसके पास जाए। ग्रामीण मुखिया, विधायक, सांसद, जिलाधिकरी सहित अन्य के पास गुहार लगा चुका है। लेकिन किसी ने एक नहीं सुना। अब ग्रामीणों को मुख्यमंत्री से सड़क बनाने का उम्मीद शेष रह गया है। ग्रामीण मुख्यमंत्री से त्राहिमाम का गुहार लगाते हुए सड़क बनाने का मांग किया है।
कैलूडीह गांव के विक्रम कुमार,सत्येंद्र यादव,कृष्णकांत यादव राजदेव यादव,कामेश्वर यादव,महेश कुमार,विक्रम कुमार,पप्पू कुमार ने बताया कि मुख्य सड़क से गांव की दूरी दो किलोमीटर है। वर्षात के दिनों में कच्ची सड़क की अवस्था खतरनाक बन जाती है। पैदल चलना कष्टमय हो जाता है। सड़क के कारण शादी विवाह में अड़चन उतपन्न होती है। नए अतिथि सड़क को देखकर भड़क जाते है। बच्चे को भी कच्ची सड़क में पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता है। गांव में बिजली व्यवस्था को छोड़कर विकास का कोई काम नहीं हुआ है।
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