ट्रेनों में एसी यात्रियों को उपलब्ध करायी जाने वाली लिनन की गुणवत्ता में सुधार हेतु भारतीय रेल संवेदनशील

कंबल की सफाई करने की अवधि घटाकर 15 दिन किया गया

अब आरएसी यात्रियों को भी अन्य यात्रियों की तरह पूरा लिनन सेट दिया जा रहा है

गया। भारतीय रेल अपने यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने को हमेशा तत्पर तो रहती ही है साथ ही साथ स्वच्छता को लेकर भी काफी संवेदनशील रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेल लिनन यानी बेडसीट एवं कंबल आदि की व्यवस्था में कई सुधार के किए हैं ताकि यात्रियों को यात्रा के दौरान दी जाने वाली इन चीजों की स्वच्छता को सुनिश्चित किया जा सके.वर्तमान में भारतीय रेल प्रतिदिन 06 लाख से ज्यादा लिनन सेट उपलब्ध करवा रही है जिसमें 02 वेडसीट, एक तकीये का कवर, एक तकीया, एक तौलिया तथा एक कंबल शामिल होता है।अब आरएसी यात्रियों को भी अन्य यात्रियों की तरह पूरा लिनन सेट दिया जा रहा है.लिनन की क्वालिटी और बेहतर हो इसके लिए रेलवे ने नये सेट को भारतीय मानक ब्यूरो के उन्नत मानकों के अनुसार खरीद रही है। साथ ही सभी जोनल रेलवे में मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री लगायी गयी है ताकि साफ-सुथरा लिनन समयबद्ध रूप से मिल सके।इन लॉन्ड्रियों में स्टैंडर्ड मशीनों और ब्रांडेड रसायनों से लिनन की धुलाई की जा रही है ताकि हर बार अच्छे से धुलाई हो। सफाई की क्वालिटी पर नजर

रखने के लिए सीसीटीवी एवं रेलवे स्टाफ द्वारा निगरानी की जाती है। साथ ही समय-समय पर अधिकारियों द्वारा जांच भी की जाती है ताकि स्वच्छता के स्तर में कोई कमी न आए । यात्रियों को उपलब्ध करायी जाने वाली बेडसीट, पिलो कवर एवं तौलिए की धुलाई हर यात्री के उपयोग के बाद की जाती है । इसके साथ ही यह सुनिश्चत किया जाता है कि एक महीने के अंदर कंबल की धुलाई अवश्य हो।रेलवे द्वारा ट्रेनों में एसी यात्रियों को उपलब्ध करायी जाने वाली कंबल की सफाई की अवधि पहले 2010 में 3 महीनों से घटाकर 2 महीने किया गया तथा 2016 से इसे और घटाकर 15 दिन कर दिया है। लॉजिस्टिक्स चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में इसे बढ़ाकर 20 से 30 दिन किया जा सकता है। सामान्यतः घरों में कंबल की धुलाई बहुत कम मामलों में ही की जाती है। अधिकांश घरों में सर्दियों से पहले और सर्दियों के बाद कंबल को केवल धूप में सुखाया ही जाता हैं। रेलवे द्वारा हमेशा प्रत्येक एसी यात्री को दो बेडशीट दिया जाता है एक बर्थ पर बिछाने के लिए और दूसरा कंबल को कवर करने के लिए। साथ ही एसी कोच का तापमान 24 के आसपास रखा जाता है, ताकि कंबल की जरूरत न पड़े और बेडशीट पर्याप्त से अधिक हो। पूर्व मध्य रेल में यात्रियों को समयबद्ध रूप से स्वच्छ लिनन उपलब्ध कराने हेतु दानापुर में 8 टन प्रतिदिन, बरौनी में 6 टन प्रतिदिन, समस्तीपुर 2 टन प्रतिदिन, सहरसा 2 टन प्रतिदिन, दरभंगा 4 टन प्रतिदिन क्षमता की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री की सुविधा उपलब्ध है तथा रक्सौल एवं जयनगर में 2 टन प्रतिदिन की क्षमता की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री लगाने हेतु कार्य जारी है । इसके साथ ही अवश्यकता के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण स्वच्छता के मानकों के साथ लिनन की सफाई हेतु निजी फर्मों को भी ठेके पर कार्य दिए गए हैं