
छठ के पारंपरिक गीतों से गुंजायमान रहा पूरा शहर
एसएसपी एवं अन्य अधिकारियों ने छठ घाटों का किया निरीक्षण

गया।जिले में लोक आस्था का महापर्व छठ के चौथे और अंतिम दिन शुक्रवार को छठ व्रतियों ने उदीयमान भास्कर को अर्ध्य देकर चार दिवसीय छठ अनुष्ठान का समापन किया। बड़ी संख्या में छठ व्रतधारी महिलाएं उदीयमान भास्कर को अर्ध्य देने के लिए फल्गु नदी के विभिन्न घाटों, तालाबों और पोखरों के पानी में डुबकी लगाने के बाद उगते सूर्य को अर्ध्य दिया। शहर के पिता महेश्वर घाट,ब्राह्मणी घाट,राय बिंदेश्वरी घाट, रामशिला घाट, भास्कर घाट, दिनकर घाट, सीताकुंड घाट, पंचदेव धाम घाट, केंदुई घाट, झारखंडेश्वर घाट, देेवघाट, विष्णुपद घाट, गजाधर घाट, सूर्यकुंड सरोवर, सूर्य पोखरा सहित अन्य नदी और तालाबों में छठ व्रतियों ने सूप में ठेकुआ,पकवान,नारियल,नींबू, मौसमी फल, चावल का लड्डू, मेवे,धूप दीप सहित अन्य पूजन सामग्रियों के साथ खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्ध्य देने के लिए भगवान सूर्य के उदय होने की प्रतीक्षा करते रहे। आकाश में सूर्य की लालिमा होते ही जय छठी मैया और जय सूर्य भगवान के जय घोष से छठ घाट गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने दूध और जल से भगवान को अर्ध्य अर्पित कर दर्शन पूजन किया। पुलिस लाइन स्थित सिंगरा स्थान घाट पर डीएम की धर्मपत्नी नेहा त्यागराजन ने भगवान भास्कर को अर्ध्य प्रदान किया। इस बीच डीएम डॉ त्यागराज एस एम और उनके परिवार के लोग उपस्थित थे।रबर डैम पर फल्गु नदी में पानी रहने के कारण अर्ध्य देने के लिए श्रद्धालुओं की अपार भीड़ रही।

सभी ने अपने और अपने परिवार के सुख और समृद्धि के सात आरोग्य मंगल जीवन की कामना की। छठ घाटों पर अर्ध्य देने के लिए छठ व्रतियों के लिए स्थानीय मोहल्ले वासियों और पूजा समितियों के द्वारा विशेष साफ-सफाई और प्रकाश की व्यवस्था की गई थी।इसके पूर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को छठ व्रतियों ने सूर्यकुंड सरोवर में डूबते सूर्य को अर्ध्य प्रदान कर उपवास रखा। उगते सूर्य को अर्ध्य के बाद छठ व्रतियों ने पारण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास तोड़ा। स्थानीय लोगों द्वारा सड़कों से लेकर छठ घाटों तक जाने वाले मार्गो को रंग-बिरंगे बल्बो और गुब्बारों से सजाया गया था। छठ घाटों पर जिला प्रशासन की ओर से सभी आवश्यक तैयारी की गई थी। छठव्रतियों की सर्वाधिक भीड़ केंदुई और पिता महेश्वर घाट में देखी गई। बता दें की गयाजी में फल्गु नदी के तट पर छठ महापर्व करने का विशेष महत्व है, जो हर घर में पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।साथ ही हुए शुद्धता और पवित्रता का ख्याल रखा जाता है।मौके पर छठव्रती वीणा देवी ने बताया कि पहली बार छठ पर्व कर रही हूं मन में तरह तरह के सवाल आ रहे थे कि कैसे करूं लेकिन छठी मैया की कृपा से बहुत अच्छे से चार दिवसीय छठ पूजा सम्पन्न हो गया।

वहीं स्नेहा,वर्षा,खुशी,सुप्रिया,स्वाती,प्रकाश,पुनम,सृष्टि, गुड़िया,खुशबू,बबली ने बताया कि भगवान सूर्य की लालिमा के दर्शन के लिए प्रतिक्षा कर रहे थे आज अद्भुत दृश्य देखने को मिला साथ ही प्रशासन के तरफ से साफ सफाई और सुरक्षा व्यवस्था अच्छी रही।इधर पिता महेश्वर घाट पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए एसएसपी आशीष भारती, सिटी एसपी प्रेरणा कुमार, सदर एसडीओ किसलय श्रीवास्तव,एएसपी पारसनाथ साहू, गयापाल पंडा मणिलाल बारिक घाटों पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस कर्मियों को दिशा निर्देश देते रहे। पिता महेश्वर घाट पर बनाए गए नियंत्रण कक्ष से भूले-भटके बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया गया। छठ घाटों पर मेले जैसा दृश्य देखा गया। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद बच्चे और महिलाएं चाट, गुपचुप, छोला- भटूरा,आइसक्रीम और अन्य व्यंजनों का का स्वाद चखा।
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