
डॉक्टर कि लापरवाही से एक महिला कि हुईं मौत। गया डोभी सड़क मार्ग के किनारे स्थित धनवंतरी नर्सिंग होम में शुक्रवार को एक महिला मरीज की मौत हो गई। जिसके बाद स्वजनों ने शव को नर्सिंग होम के समाने रखकर हंगामा किया। डोभी थाने के पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया भेज दिया। घटना के संदर्भ में मृतक महिला पूनम कुमारी (22 वर्ष) के पति सहेंद्र कुमार ने बताया की झारखंड के प्रतापूर थाना के भौराज़ निवासी है। पूनम को प्रसव के लिए इस नर्सिंग होम में गुरुवार को लाया था। यहां के चिकित्सक डा सत्यनारायण साव के द्वारा पत्नी की हालत गंभीर बताते हुए बड़ा ऑपरेशन करने को कहा। ऑपरेशन के लिए चालीस हजार रुपया जमा करवाया। गुरुवार कि रात में ऑपरेशन करके नवजात शिशु को बाहर निकाल। शुक्रवार की शाम में महिला की तबियत खराब होने लगी। स्वजनों के द्वारा लगातार तबियत खराब होने की जानकारी नर्सिंग होम के स्टाफ को दिया। स्टाफ के द्वारा लगातार पानी चढ़ाया जा रहा था। सुबह में जब स्थिति गंभीर हो गई तो गया से एंबुलेंस मंगवा कर महिला को गया शहर के चंदौती स्थित रिद्धि सिद्धि नर्सिंग होम में भर्ती करवा दिया। इस नर्सिंग होम में भर्ती करने से पूर्व की इसकी मौत हो चुकी थी। डोभी से आए चिकित्सक और अन्य स्टाफ मरीज और उसके स्वजन को छोड़कर भाग गए। जिसके बाद स्वजनों ने शव को पुनः डोभी नर्सिंग होम के बाहर लाकर रख दिया। इस मौत के लिए नर्सिंग होम के संचालक को जिम्मेवार ठहराया। डोभी थाने के पुलिस ने स्वजनों को समझा बुझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अवैध नर्सिंग होम और इसके संचालक के खिलाफ बीडीओ संजीव कुमार झा के प्रतिवेदन पर डोभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डाॅं सुनील कुमार प्रसाद ने डोभी थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाया। डोभी में सैकड़ो अवैध नर्सिंग होम संचालित है। परंतु सरकार कि इस पर नजर नहीं है। महीन में चार पांच मरीजों की मौत होनी आमबात हो गई है।
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