
फतेहपुर प्रखंड के आगंनबाड़ी केंद्र संचालक से प्रत्येक माह 1 हजार से 15 सौ रुपया वसुलने का एक ऑडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। सुपरवाइजर इसमें हिस्सा नहीं मिलने पर ऑडियो में बातचीत में नाराज दिख रही है। 4 मिनट 7 सेकंड के इस ऑडियो में गोपालकेड़ा स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 197 सेविका के देवर एवं सुपरवाइजर नीलम की बातचीत हैं। सच भारत न्यूज इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। ऑडियो में सुपरवाइजर अपने हिस्सा नहीं मिलने की शिकायत कर रही है। जबकि फोनकर्ता कह रहा है कि वह 11 सौ रूपया सीडीपीओं कार्यालय में जमा करा दिया हैं। वहीं मैडम बोली हैं कि पैसा नहीं देने है।इस बात से सुपरवाइज़र मैडम नाराज हो गयी। ऑडियो की बातचीत
सुपरवाइज़र – मेरे वाला
फोनकर्ता – 11 सौ रूपया सर को जमा कर दिए सुरपवाइजर- मेरे वाला नहीं दिए थे।
फोनकर्ता – 11 सौ मांगे हम दे दिए।
सुरपवाइजर- – और नहीं देते थे।
फोनकर्ता- उ बोला मैडम को 2 से 3 सौ मिलता हैं।
सुरपवाइजर- आकाश बोला।
फोनकर्ता – नहीं मैडम इसी में दोनों का हो जाता है।
सुरपवाइजर- आकाश से पुछे तो बोला कि मैडम से बात हो गया है। कल सेंटर पर गये तो रेखा से बोले की वाउचर जमा नहीं कि हो.तो रेखा बोली कि तीन दिन पहले ही जमा कर दिए हैं, आकाश को झूठ नहीं बोलना चाहिए था।हमको भी मैडम को हिसाब देना रहता है।फोनकर्ता– हम 1 तारीख को रांची गए हुए थे आज ही लौटे है। वाउचर जमा कर दिए थे।
सुरपवाइजर- आकाश को झूठ नहीं बोलना चाहिए था अगर वाउचर लिए हो तो बोलो वाउचर लिए हैं।फोनकर्ता – देखिए मैडम हमको इ सब जाल में नहीं रहना है,एक बार मैडम से बात करना है आप भी बोल चुके हैं क्या लेना है क्या देना है। हमकों अगर वैसे ही करना है तो फिर हम भी सेंटर बंद कर के रखना हैं,जैसा एक बंद कर के रखता है। भाभी में और दुसरा हुनर है। जम्हेता में दुकान खोलवा देगे सिलाई का. जब इधर हमको पैसा देना ही है तो फिर मतलब और इधर गांव में डेली धमकी मिलता हैं। चार औरत इधर से चार और उधर से हम इतना गरार आदमी नहीं कि पैसा भी खर्च करे।
सुपरवाइज़र- क्या बोल रही
फोनकर्ता- कह रही हैं कि तोर खिचड़ी खाल निकाल दे हिओ।
सुरपवाइजर- मैडम से बोल दिजिए आकाश को आज दिए ना आकाश को बोलिए आकाश जायेगा और जो औरत बोल रही है उसको समझाएगा।
आकाश और कुछ नहीं बोले थे।
फोनकर्ता – आकाश सर बोले थे कि निलम फोन किए हैं जो मेरा वाला ले लीजिएगा।
सुरपवाइजर- मैडम क्या बोली निलम को नहीं देना फोनकर्ता– मैडम उ चीज नहीं बोली. कि निलम को नहीं देना है। वह बोली कि खुशी से हो तो एक या दो सौ रूपया दे दो। परसेंटेज नहीं चलता है ऑफिस के खर्च से ही उन लोगों को मिलता है।वहीं सुरपवाइजर नीलम से इस मुद्दे को लेकर संपर्क किया गया तो उल्टा ही सवाल दाग दिया कि ऑडियो कब का है।फिर कहा कि मुझे ऑडियो के बारे में कोई जानकारी नहीं है।वहीं इस मुद्दे पर जानकारी के लिए सीडीपीओं के सरकारी नंबर पर दो बार संपर्क किया गया तो उनहोनें ने फोन नहीं उठाया।
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