
खिजरसराय प्रखंड संसाधन केंद्र खिजरसराय जहां से विद्या की मंदिरों की निगरानी निर्देशन हो जहां सत्य असत्य अच्छाई बुराई इमानदारी इंसानियत मानवता का पाठ शिक्षकों बच्चों को पढ़ाया जाता हो आज वह पावन केंद्र भ्रष्टाचार का अड्डा बना गया है। यहां भ्रष्टाचार चरमसीमा पर व्याप्त है भ्रष्टाचारी आकंठ भ्रष्टाचार के चासनी में डूब कर गोता लगा चासनी का मजा ले रहे है कार्यालय के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी हो या सहायक कर्मी सब के सब भ्रष्ट्राचार में डूबे हैं। उदय कुमार चतुर्थवर्गीय कर्मचारी द्वारा प्रत्येक शिक्षक दस रुपये की दर से बसूल किया जाता है। प्रखंड में लगभग 6 सौ शिक्षक शिक्षिका कार्यरत्त हैं। रवि कुमार लेखा पाल द्वारा उपयोगिता जमा करते समय विद्यालय प्रधान से दस प्रतिशत की दर से राशि बसूल की जाती है। नही तो लगातार घुमा दिया जाता है। इधर संजय कुमार मध्याह्न भोजन साधनसेवी भी प्रखंड के एक सौ उनहत्तर प्राथमिक मध्य विद्यालयों से पांच सौ, एक हजार रुपया की राशि चुंगी के रूप में जवरण वसूलते है। प्रारंभिक दौर में इन्होंने ने भी दस प्रतिशत चुंगी लेने का दबाब बनाया था।पर पूर्ण रूप से कामयाब नहीं हुए ऐसी परिस्थिति में चावल वितरक/संवेदक पीछे कैसे रह सकता है। वह भी विद्यालय प्रधान से चुंगी के रूप में एक बोरा आला अधिकारियों को खुश करने के नाम पर काट लेता है। प्रत्येक बोरा में से दो से पांच किलो तक चावल बोम मारकर निकाल लिया जाता है। ये सब बच्चों के हक से हकमारी की जाती है। तब जाकर विद्यालय प्रधान कागजी बैलेंस बनाने के लिए औने पौने में ट्रैक्टर या पिकअप पर ही चावल संवेदक से ही बेचा दिया जाता है। बच्चों का अधिक से अधिक उपस्थिति बनाना गैर मानक भोजन परोसना कुछ अपने लिए भी सोचना आदत सा बन गया है। आलाधिकारियों द्वारा इन वैठे बिठाये भ्रष्ट्राचारियों को बेलगाम छोड़ दिया गया इनपर कभी कोई कार्रवाई नही होती कोई कारण तो जरूर ही है शिक्षा पदाधिकारी से दूरभाष इस संबंध में जानकारी लेने की कोशिश की तो उनका मोबाईल स्विच ऑफ था।
सच भारत न्यूज़ संवाददाता दीपक सिंह
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