
गया। इस्कॉन मंदिर में चल रही श्री जगन्नाथ कथा के प्रथम दिवस में परम पूज्य भक्ति करुणामय वनमाली स्वामी महाराज ने बताये की जगन्नाथ पुरे जगत के नाथ है। श्री जगन्नाथ के प्राकट्य के बारे में उन्होंने बताये की अवन्ति के राजा इंद्रद्युम्न महाराज के इच्छा से भगवान नीलमाधव श्री जगन्नाथ , बलदेव , सुभद्रा और सुदर्शन के रूप में जगन्नाथ पूरी में प्रकट हुए। चार धाम में सत्ययुग का वद्रीनाथ धाम , त्रेता युग का रामेस्वरम धाम , द्वापर युग का द्वारका धाम और कलयुग का जगन्नाथ पूरी धाम ऐसा मान्यता है। जगन्नाथ पूरी धाम में द्वारका और वृन्दावन दोनों उपस्थित है। श्री मंदिर जहाँ भगवान जगन्नाथ निवास करते हैं उसको द्वारका कहा जाता है और गुंडिचा मंदिर जहाँ भगवान ९ दिन के लिए रथ यात्रा में जाते हैं उसको वृन्दावन कहा जाता है। श्री जगन्नाथ कथा में श्रद्धालुओं का काफी भीड़ था। संध्या आरती के बाद कथा सुरु हुई। कथा के अंत में सभी के लिए भंडारा का व्यवस्था था। २० जून को जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए भी जोर सोर से तैयारी चल रही है
सच भारत न्यूज़ संवाददाता प्रकाश कुमार
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