कोंच प्रखंड के एसएफसी गोदाम प्रबंधक के मनमानी रवैया से मात्र आंगनबाड़ी सेविका ही नहीं प्रभावित है, बल्कि जनवितरण प्रणाली से लेकर शिक्षा विभाग के शिक्षक भी कम अनाज देने के वजन का शिकार होते हैं। ठेकेदार भी प्रबंधक के दबंगई के कारण आवाज नहीं उठा पाता है। वही विगत 15दिन पूर्व जिला आपूर्ति पदाधिकारी के द्वारा गोदाम का जांच किया गया था। जिसमें भारी अनियमितता उजागर होने की संभावना है। जबकि गोदाम प्रबंधक पर कारवाई नहीं होने पर पूर्व उप प्रमुख किशोर यादव ने आंदोलन करने की भी धमकी दी है। मालूम हो कि विगत शुक्रवार को आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा पोषाहार के अनाज उठाव में भारी अनियमितता व कम अनाज दिये जाने को लेकर एसएफसी गोदाम प्रबंधक के खिलाफ हंगामा किया गया था। 24 घंटा गुजरने के बावजूद भी वरिय पदाधिकारियों के द्वारा जांच नहीं किया जाना प्रबंधक के साथ सहयोग को दर्शाता है। वही विगत 15 दिन पूर्व जिला आपूर्ति पदाधिकारी गया व प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी कोंच के द्वारा संयुक्त रूप से गोदाम की जांच किया गया था। जिसमें विश्वस्त सूत्रों को माने तो स्टाक पंजी से ज्यादा अनाज गोदाम में पाया गया है। हालांकि कि उक्त संबंध में द्वय पदाधिकारियों में से एक भी कुछ भी कहने से परहेज करते हैं। वही जब जिला आपूर्ति पदाधिकारी को मोबाईल से उक्त संबंध में जानने का प्रयास किया गया तो मोबाइल की घंटी बजते रही। लेकिन उठाना मुनासिब नहीं समझे। वही प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी ने कहा कि गोदाम का जांच किया गया था। लेकिन डीएसओ गया के द्वारा जांच कर जिला को दिया जाना था। क्या हुआ वो मुझे मालूम नहीं है। जबकि गोदाम प्रबंधक के द्वारा एक निजी व्यक्ति को अवैध रूप से रखा जाना ही अनियमितता उजागर होता है। अगर अवैध रूप से रखे गये स्टाप को पैसा कहां से दिया जाता है। यह जांच का विषय है। जबकि जिला के पदाधिकारियों का सख्त निर्देश है कि किसी भी विभाग में बिचौलियों को रखा जाता है। तो उसपर प्राथमिकी दर्ज किया जाय। उक्त संबंध में गोदाम प्रबंधक शम्भू प्रसाद सिंह से पूछने पर चुप्पी साध देते हैं।
सच भारत न्यूज़ संवाददाता नौलेस कुमार
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