पति की दीर्घायु के लिए सुहागन महिलाएं शुक्रवार को बट सावित्री पूजा श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनायी। महिलाएं सुबह उठकर घर की सफाई आदि कर स्नान ध्यान कर नवीन वस्त्र पहनकर वट बृक्ष के नीचे बैठकर विधिवत पूजा-अर्चना की। पूजा करने का शिलशिला सुबह चार बजे से बरगद बृक्ष के पास शुरू हो गया था। महिलाएं वट वृक्ष की फेरी लगाते हुए पूजा की। इस पर्व को लेकर मंदिर सहित शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र वट वृक्ष के पास पूजा करने आई महिलाओं की भीड़ लगी रही। पंडित के द्वारा मंत्रोच्चारण किया जा रहा था। पंडित महिलाओ को सावित्री पूजा की कथा भी सुनाया।सनातन संस्कृति में सारे पर्व प्रकृति पूजा पर आधारित हैं।
यहां वृक्षों को उनके गुणों के आधार पर भगवान मानकर पूजा किया जाता है। शुक्रवार को वट सावित्री पर्व मनाया गया। धर्माचार्य बताते हैं वटवृक्ष की पूजा करने से घरों में सुख एवं समृद्धि बनी रहती है। यह पर्व अखंड सौभाग्य, पति एवं बच्चों की लंबी आयु के लिए मनाया जाता है। महिला श्रद्धालु शोभा कुमारी ने बताया कि यह पर्व पति एवं बच्चों की लंबी आयु के लिए मनाया जाता है। महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार करके वट वृक्ष की पूजा करती हैं। यह पर्व शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मनाया जाता है। पूनम शर्मा ने बताया पूजा अर्चना में भक्ति के साथ हमारे देश की संस्कृति भी जुड़ी है। इस पूजा के माध्यम से आने वाली पीढ़ी को पुरानी हिन्दू संस्कृति को बचाए रखने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
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